विवाह संस्कार 2026 | Vivah Muhurat 2026 | Best Marriage Dates 2026

Vivah Muhurat 2026
Vivah Muhurat 2026

प्रिय पाठकों,
वर्ष 2026 के मुहूर्त प्रकरण की श्रृंखला में आज हम चर्चा करेंगे विवाह संस्कार पर। सनातन धर्म में कुल 16 संस्कार वर्णित हैं, जिनमें से 15वां और अत्यंत महत्वपूर्ण संस्कार—विवाह संस्कार माना गया है। यह केवल सामाजिक दायित्व नहीं बल्कि आध्यात्मिक, पारिवारिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत ही गूढ़ महत्व रखता है।

विवाह संस्कार का आध्यात्मिक महत्व

शास्त्र बताते हैं कि विवाह संस्कार के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं—

1. अनर्गल प्रवृत्तियों का निरोध/ Freedom from multiple affairs.

2. संतानोत्पत्ति द्वारा वंश की रक्षा/ Protection and continuation of the lineage through progeny

3. भागवत प्रेम का अभ्यास/Practice and cultivation of divine (devotional) love

हमारे धर्मशास्त्र बताते हैं कि मनुष्य तीन ऋणों से बंधा होता है—

देव ऋण

ऋषि ऋण

पितृ ऋण

विवाह एवं संतानोत्पत्ति के माध्यम से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है, तथा गृहस्थ जीवन से ऋषि ऋण का परिहार होता है। अतः विवाह केवल सामाजिक संस्कार नहीं, बल्कि एक गूढ़ आध्यात्मिक कर्तव्य भी है।

क्यों 2026 में शुद्ध विवाह मुहूर्त बहुत कम हैं?

वर्ष 2026 में शुभ विवाह तिथियाँ बहुत कम रहने वाली हैं। इसके प्रमुख कारण इस प्रकार हैं—

1. शुक्र अस्त (जनवरी 2026)

जनवरी माह में शुक्र देव अस्त रहेंगे, अतः इस महीने कोई विवाह मुहूर्त नहीं मिलेगा।

2. होलाष्टक (24 फरवरी – 3 मार्च)

जिन क्षेत्रों में होलाष्टक का विचार किया जाता है, वहाँ इस अवधि में विवाह वर्जित है।

3. चैत्र (खरमास) — 14 मार्च से 14 अप्रैल

खरमास में सभी प्रकार के शुभ कार्य निषिद्ध होते हैं।

4. जेष्ठ अधिक मास — 17 मई से 15 जून 2026

अधिक मास/पुरुषोत्तम मास में भी विवाह वर्जित रहता है।

5. देवगुरु बृहस्पति अस्त — 15 जुलाई से 9 अगस्त 2026

इस अवधि में विवाह नहीं किया जाता।

6. देवशयन काल — 25 जुलाई से 21 नवंबर 2026

श्रावण से कार्तिक तक चार महीने (चातुर्मास) विवाह पूर्णत: निषिद्ध।

7. नवरात्रि में शुक्र अस्त — 12 अक्टूबर से 28 अक्टूबर

इस वर्ष नवरात्रि में शुक्र अस्त होने से शारदीय नवरात्रि में भी विवाह नहीं होगा।

8. भीष्म पंचक — 20 नवंबर से 24 नवंबर

भीष्म पंचक में विवाह संस्कार वर्जित रहता है।

इन सभी कारणों से 2026 में शुद्ध विवाह मुहूर्त बहुत कम प्राप्त होंगे, इसलिए जो तिथियाँ उपलब्ध हैं उनका महत्व अधिक है।

Best Vivah Muhurat 2026 — Month-wise Best Marriage Dates 2026

महत्वपूर्ण नोट:
व्यक्तिगत विवाह मुहूर्त सदैव वर-कन्या की जन्मपत्रिका पर आधारित होना चाहिए।
चंद्रबल, ताराबल, लग्न शुद्धि, लत्ता-पात, ग्रह युति एवं 10 महादोषों के शुद्ध विश्लेषण के बाद ही मुहूर्त निश्चित किया जाना चाहिए।
व्यक्तिगत विवाह मुहूर्त हेतु आप हमें व्हाट्सएप कर सकते हैं।

▶ जनवरी 2026

कोई मुहूर्त नहीं (शुक्र अस्त)

▶ फरवरी 2026

4, 5, 10, 20, 21
(24 फरवरी से होलाष्टक आरंभ)
24, 25, 26

▶ मार्च 2026

9, 10, 11, 12
(14 मार्च से खरमास आरंभ)

▶ अप्रैल 2026

20, 21, 25, 26, 29, 30

▶ मई 2026

6, 7, 8, 9, 10,13
(17 मई से अधिक मास)

▶ जून 2026

19, 20, 22, 23, 24, 26, 27, 29

▶ जुलाई 2026

1, 3, 4, 6, 7, 8, 9, 11

(25 जुलाई से देवशयन — इन तिथियों को अति आवश्यक मुहूर्त माना जाएगा)

▶ अगस्त 2026 (देवशयन काल, प्रतिबंधित)

13, 18, 20, 23, 25, 30
(केवल आवश्यक/विशेष परिस्थितियों में)

▶ सितंबर 2026

3, 4, 5, 12, 13, 14

▶ नवंबर 2026

2, 12, 13
(21 नवंबर को देवशयन समाप्त)
22, 24, 25, 26

▶ दिसंबर 2026

2, 3, 4, 5, 11, 12

निष्कर्ष

वर्ष 2026 विवाह के लिए शुभ तिथियों के मामले में चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। शास्त्रोक्त प्रतिबंधों — जैसे शुक्र अस्त, बृहस्पति अस्त, चातुर्मास, होलाष्टक, अधिकमास, और भीष्म पंचक — के कारण केवल चुनिंदा मुहूर्त ही उपलब्ध होंगे।
इसलिए यदि आप 2026 में विवाह का विचार कर रहे हैं तो इन तिथियों में से ही उचित मुहूर्त चुनें और व्यक्तिगत मुहूर्त अवश्य कराएं।

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