चंद्र ग्रहण 2025: 7–8 सितंबर का समय, सूतक काल और राशियों पर प्रभाव

चंद्र ग्रहण 2025: आगामी 7–8 सितंबर 2025 को भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर खग्रास चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण संपूर्ण भारत मेंप्रत्यक्ष रूप में तथा विश्व के अनेक देशों में खग्रास रूप में दिखाई देगा। इस ग्रहण के चंद्र बम पश्चिम दक्षिण की ओर से ग्रसित होकर उत्तर पूर्व की ओर से मुक्त होगा।

भारतीय समयनुसार ग्रहण का समय 

ग्रहण स्पर्श (प्रारंभ): रात्री 9:57 Pm

खग्रास प्रारंभ: रात्री 11:01 Pm

ग्रहण का मध्यकाल: रात्री 11:42 Pm

खग्रास समाप्ति काल: रात्री 12:23 Am

ग्रहण समाप्ति काल: रात्री 1:26 Am

भारत के अलावा कहां दिखाई देगा ये चंद्रग्रहण

यह ग्रहण भारत सहित संपूर्ण एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, अफ्रीका, पश्चिमी व उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका के पूर्वी भाग (ब्राज़ील के पूर्वी क्षेत्र) में देखा जा सकेगा।
यूरोप और अफ्रीका के कई देशों (जैसे इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, फ्रांस आदि) में यह चंद्रोदय के पश्चात आंशिक रूप से दिखाई देगा, जिसे ग्रस्तोदय कहते हैं। जबकि दक्षिणी पूर्वी ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड फिजी आदि इस ग्रहण को समाप्ति चंद्र अस्त के समय देखा जा सकेगा अर्थात जब ग्रहण घटित हो रहा होगा तो चंद्र अस्त हो रहा होगा ।

सूतक काल

भारतीय ज्योतिष शास्त्रानुसार जिस क्षेत्र में चंद्र ग्रहण प्रत्यक्ष दिखाई देता है, वहाँ ग्रहण से 9 घंटे पूर्व सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। तो इस चन्द्रग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर 2025 दोपहर 12:57 बजे से सूतक काल आरंभ हो जाएगा।

ग्रहण एवं सूतक काल में क्या करें और क्या न करें

ग्रहण काल में शुभ कार्य: स्नान, दान, जप, पाठ, स्तोत्र-पाठ, मंत्र-सिद्धि,ध्यान,हवन एवं तीर्थ स्नान संकल्प पूर्वक शुभ कृत्यों का संपादन करना होता है ।

सूतक काल में वर्जित कार्य:

मूर्ति स्पर्श, अनावश्यक भोजन-जल ग्रहण, वाद-विवाद, मिथुन-निद्रा, नाखून काटना, तेल की मालिश करना एवं अशुद्ध क्रियाएँ करना वर्जित माना जाता है ।
इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए: गर्भवती महिलाएं,अति वृद्ध बूढ़े लोग,छोटे बच्चे और अस्वस्थ लोगों को भोजन करने का और दवाई लेने का कोई दोष नहीं होगा आप सभी अपनी सुविधानुसार भोजन और मेडिसिन ले सकते हो ।

यह खगोलीय घटना केवल वैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं, अपितु आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
ग्रहण का लोक भविष्य🚩 ग्रहण का राशि नक्षत्र फल: यह चंद्र ग्रहण कुंभ राशि एवं पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में घटित होने से पश्चिमी देशों प्रदेशों पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले विशेष रूप से किसानों पशुपालकों को कष्ट एवं पीड़ा रहेगी जो लोग हिंसा चोरी उग्र प्रकृति वाले लोग हैं उनको भी कष्ट जनित रोग देखने को मिलेंगे। स्पष्ट *कुम्भोपरागे पीडयन्तेगिरिजाः पश्चिमाजनाः ।””””

चंद्र ग्रहण का 12 राशियों पर प्रभाव

मेष राशि: धन लाभ और उन्नति होगी चंचलता से बचना होगा ।
वृषभ राशि: स्वास्थ्य संबंधित समस्या से पीड़ा होगी कार्य बिगड़ेंगे सावधानी बरतें ।
मिथुन राशि: गुप्त चिंताएं अत्यधिक रहेंगे संतान से संबंधित दिक्कतें देखने को मिल सकते हैं व्यर्थ वाद विवाद से बचें ।
कर्क राशि: शत्रु भय रहेगा खर्चों में बढ़ोतरी होगी और साधारण लाभ होगा ।
सिंह राशि: जीवनसाथी से संबंधित परेशानियां रहेंगी घर में क्लेश का वातावरण बनेगा ।
कन्या राशि: रोग और शोक बढ़ेंगे फालतू बातों में दिमाग लगाओगे संघर्ष अत्यधिक होगा लाभ कम होगा ।
तुला राशि: खर्चों में बढ़ोतरी होगी कार्यक्षेत्र में विलंब व रुकावटें पैदा होंगीं और मानसिक रूप से तनाव देखने को मिलेगा ।
वृश्चिक राशि: ध्यान मेडिटेशन करना जरूरी है कार्य क्षेत्र में वृद्धि होगी कार्य सिद्धि प्राप्त होगी।
धनु राशि: धन व लाभ की उन्नति देखने को मिल सकती है लेकिन व्यर्थ का वाद-विवाद से दूर रहना होगा ।
मकर राशि: धन की हानि होगी व्यर्थ की यात्राएं अधिक रहेगी झगड़ा फसाद में कहीं फंस सकते हो ।
कुंभ राशि: किसी दुर्घटना के शिकार हो सकते हो ।शारारिक कष्ट रहेगा ।
मीन राशि: धन की हानि होगी चिंताएं बनी रहेगी अधिक सोच विचार से बचें किसी से भी झगड़ा करने से आपको बचना चाहिए ।

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