दीपावली कब है – 20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर 2025? जानिए शास्त्रसम्मत निर्णय

हर वर्ष की तरह इस बार भी दीपावली पर्व को लेकर लोगों के मन में संशय बना हुआ है कि दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाए या 21 अक्टूबर को?
वर्ष 2024 की भांति, वर्ष 2025 में भी कार्तिक अमावस्या दो दिनों में व्याप्त हो रही है, जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

प्रदोष व्यापिनी तिथि का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, दीपावली का पूजन “प्रदोष व्यापिनी कार्तिक अमावस्या” में ही किया जाना चाहिए।
प्रदोष काल का अर्थ है — सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त (लगभग डेढ़ घंटे का समय)।
इसी अवधि में महालक्ष्मी जी का पूजन सर्वोत्तम माना गया है।

पंचांग अनुसार तिथियों की स्थिति

विक्रमी संवत् 2082 | शक संवत् 1947

कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि — 20 अक्टूबर 2025 को शाम 3:45 बजे तक रहेगी।

तत्पश्चात अमावस्या तिथि प्रारंभ होकर अगले दिन
21 अक्टूबर 2025, मंगलवार शाम 5:55 बजे तक व्याप्त रहेगी।

अब प्रश्न यह उठता है कि कौन-सा दिन पूजन के लिए श्रेष्ठ रहेगा?

शास्त्रीय दृष्टिकोण से निर्णय

शास्त्रों के अनुसार जब अमावस्या दो दिन व्याप्त हो, और
पहले दिन वह प्रदोष काल को स्पर्श करे,
तो यह विचार करना आवश्यक होता है कि
क्या अगले दिन की अमावस्या “उदयव्यापिनी” और साढ़े तीन प्रहर से अधिक है या नहीं।

पुरुषार्थ चिंतामणि, निर्णयसिंधु तथा धर्मसिंधु ग्रंथों में उल्लेख है — पूर्वत्रैव व्याप्तिरीति पक्षे परत्र यामत्रयाधिकव्यापिदर्शे दर्शापेक्षया प्रतिपदवृद्धिसत्त्वे लक्ष्मीपूजादिकमपि परत्रैवेतयुक्तम् । एतन्मते उभयत्र प्रदोषव्याप्ति पक्षेपि परत्र दर्शस्य सार्धयामत्रयाधिक-व्याप्ति-त्वात्परैव युक्तेति भाति ।।
“यदि अमावस्या दो दिन हो, और दूसरे दिन वह उदयव्यापिनी हो तथा तीन प्रहर (4.5 घंटे) से अधिक व्याप्त हो, तो लक्ष्मी पूजन उसी दिन करना श्रेष्ठ होता है।”
शास्त्र सम्मत निर्णय — दीपावली 21 अक्टूबर 2025 को

ज्योतिष गणना के अनुसार

21 अक्टूबर 2025 को अमावस्या तिथि सायंकाल 5:55 बजे तक रहेगी,
जो कि सूर्यास्त काल में भी व्याप्त है।

प्रतिपदा तिथि रात्रि 8:17 पर समाप्त होगी, जो वृद्धिगामिनी है।
इसलिए 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को महालक्ष्मी पूजन करना
शास्त्रसम्मत एवं प्रमाणिक रूप से उचित है।

रात्रिकालीन पूजन करने वालों के लिए

ज्योतिष में यह भी कहा गया है कि अमावस्या और पूर्णिमा रात्रिकालीन तिथियां होती हैं।
अतः जो लोग रात्रि स्थिर लग्न में पूजन करना चाहते हैं, उनके लिए
20 अक्टूबर 2025 की रात्रि भी पूजन हेतु शुभ मानी गई है।

20 अक्टूबर 2025 के शुभ पूजन मुहूर्त:

शाम 06:17 से 07:21 बजे तक

रात्रि 10:31 से 12:06 बजे तक

अर्धरात्रि 01:40 से 03:13 बजे तक

21 अक्टूबर 2025 के पूजन मुहूर्त:

प्रातः 09:25 से दोपहर 01:34 बजे तक

दोपहर 02:57 से शाम 04:21 बजे तक

निष्कर्ष

ज्योतिषीय दृष्टि और शास्त्र प्रमाण के अनुसार —
दीपावली पर्व एवं श्री महालक्ष्मी पूजन 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को ही करना श्रेष्ठ रहेगा।

फिर भी जो साधक रात्रिकालीन स्थिर लग्न में पूजन परंपरा का पालन करते हैं,
वे 20 अक्टूबर की रात्रि में पूजन कर सकते हैं — दोनों ही स्थिति में
शास्त्र निर्देशों का पालन होना आवश्यक है।
सभी श्रद्धालुओं को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 

“मां लक्ष्मी की कृपा आप सभी के घर-आंगन में सदैव बनी रहे।”
शुभ दीपावली! 

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