गृह प्रवेश शुभ मुहूर्त 2026 | Griha Pravesh Muhurat 2026

क्यों 2026 में गृहप्रवेश और शुभ कार्यों के शुद्ध मुहूर्त कम हैं?

वर्ष 2026 पंचांग अनुसार शुभ कार्यों के लिए चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। मांगलिक कार्यों के मुहूर्त अत्यंत सीमित रहने वाले हैं। इसके पीछे कई खगोलीय और शास्त्रोक्त कारण जिम्मेदार हैं, जैसे— शुक्र अस्त, बृहस्पति अस्त, होलाष्टक, खरमास, अधिकमास आदि।

प्रिय पाठकों, आज हम विस्तार से जानेंगे:

2026 में गृहप्रवेश के कितने मुहूर्त हैं?

किस महीने में गृहप्रवेश करना शुभ माना जाता है?

गृहप्रवेश किन नक्षत्रों में किया जाना चाहिए?

मुख्य द्वार की दिशा के अनुसार उपयुक्त तिथियाँ कौन-सी हैं?

आइए इस महत्वपूर्ण विषय पर विस्तृत चर्चा करते हैं—

गृहप्रवेश का महत्व

वैदिक ज्योतिष शास्त्र अनुसार गृहप्रवेश एक मांगलिक कार्य है। नए घर में प्रवेश से पूर्व ये सभी काम अवश्य करने चाहिए—

जलपूर्ण कलश पर नारियल स्थापित कर कलश प्रवेश

वेद-पाठ, शंखध्वनि एवं मंगलगान

स्वस्तिवाचन

पंचदेव पूजन, नवग्रह पूजन, वास्तु शांति

गौ-पूजन

सुहागिनों द्वारा मंगलगीत एवं कीर्तन

कन्या-पूजन

ब्राह्मण व अतिथियों का भोजन-दान

ध्यान रखें- दैवज्ञ/ज्योतिषाचार्य से ही मुहूर्त लेकर गृहप्रवेश करना चाहिए।

गृहप्रवेश किन महीनों में श्रेष्ठ माना जाता है?

उत्तरायण के महीने — सर्वश्रेष्ठ

वैशाख

आषाढ़

माघ

फाल्गुन

दक्षिणायन के महीने — मध्यम:)

श्रावण

आश्विन

कार्तिक

मार्गशीर्ष

वर्जित व निषेध महीने —

चैत्र

ज्येष्ठ (अधिकतर क्षेत्रों में)

भाद्रपद

पौष

हालांकि गृहप्रवेश में देवशयन का विशेष विचार नहीं किया जाता, लेकिन वास्तु कलश चक्र की शुद्धि अत्यंत आवश्यक होती है।

गृहप्रवेश किन वारों में वर्जित है?

शुभ वार:
सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार

वर्जित वार:
❌ मंगलवार
❌ रविवार
इन दो वारों में गृहप्रवेश भूल कर भी न करें ।

गृहप्रवेश के शुभ नक्षत्र – 27 नक्षत्रों में विशेष नक्षत्र

अश्विनी

रोहिणी

मृगशिरा

पुनर्वसु

पुष्य

उत्तराफाल्गुनी

हस्त

चित्रा

स्वाती

अनुराधा

श्रवण

धनिष्ठा

शतभिषा

उत्तराभाद्रपद

रेवती

मुख्य द्वार की दिशा के अनुसार शुभ तिथियाँ ।

➤ पूर्वमुखी (East Facing) घर

पंचमी

दशमी

पूर्णिमा

➤ पश्चिममुखी (West Facing) घर

द्वितीया

सप्तमी

द्वादशी

➤ उत्तरमुखी (North Facing) घर

तृतीया

अष्टमी

त्रयोदशी

➤ दक्षिणमुखी (South Facing) घर

प्रतिपदा

षष्ठी

एकादशी

क्यों 2026 में शुद्ध मुहूर्त कम हैं? ये रहे प्रमुख कारण

1. शुक्र अस्त — जनवरी 2026

2. होलाष्टक — 24 फरवरी से 3 मार्च
जिन क्षेत्रों में इसका विचार होता है, वहाँ शुभ कार्य नहीं किए जाते।

3. चैत्र मास / खरमास — 14 मार्च से 14 अप्रैल
सभी मांगलिक कार्य निषिद्ध।

4. ज्येष्ठ अधिक मास — 17 मई से 15 जून 2026
अधिकमास में गृहप्रवेश व शुभ कार्य वर्जित।

5. बृहस्पति अस्त — 15 जुलाई से 9 अगस्त 2026
मांगलिक कार्यों पर पूर्ण रोक।

6. नवरात्रि में शुक्र अस्त — 12 से 28 अक्टूबर 2026
शारदीय नवरात्रि में भी कोई शुद्ध मुहूर्त उपलब्ध नहीं होगा।

इन्हीं कारणों से 2026 में गृहप्रवेश के मुहूर्त अति सीमित हैं।

गृहप्रवेश मुहूर्त 2026 – महीने वार सूची

महत्वपूर्ण नोट:
इन तिथियों के अतिरिक्त व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण—
चंद्रबल, ताराबल, लग्न शुद्धि, वामस्थरवि विचार, गृहकलश चक्र शुद्धि
को ध्यान में रखकर ही अंतिम मुहूर्त चयन करें।

व्यक्तिगत मुहूर्त हेतु आप हमें whatsapp) कर सकते हैं।

▶ जनवरी 2026

❌ कोई मुहूर्त नहीं (शुक्र अस्त)

▶ फरवरी 2026

6, 18, 21

▶ मार्च 2026

5, 9, (14 मार्च से 14 अप्रैल खरमास प्रारंभ)

▶ अप्रैल 2026

20, 23, 24

▶ मई 2026

केवल 8 मई
(17 मई से अधिकमास शुरू)

▶ जून 2026

17, 22, 24, 27

▶ जुलाई 2026

1, 4, 9, 11

▶ अगस्त 2026

3, 5, 8
(केवल शुद्ध मुहूर्त — सीमित)

▶ सितंबर – अक्टूबर 2026

➤ नवरात्रि + शुक्र अस्त के कारण मुहूर्त अनुपलब्ध

▶ नवंबर 2026

11, 21, 25, 26, 28

▶ दिसंबर 2026

3, 4, 5, 12

निष्कर्ष

वर्ष 2026 गृहप्रवेश के लिए अत्यंत सीमित मुहूर्तों वाला वर्ष है।
शास्त्रोक्त कारण—
शुक्र अस्त, बृहस्पति अस्त, होलाष्टक, खरमास, अधिकमास, नवरात्रि
की वजह से केवल चुनिंदा ही शुभ तिथियाँ उपलब्ध हैं।

इसलिए—

✔ उपलब्ध तिथियों में से ही उचित मुहूर्त चुनें
✔ और सबसे महत्वपूर्ण— व्यक्तिगत मुहूर्त अवश्य करवाएँ

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